AI के दौर में ऑफिस जरूरी: Google की सख्त पॉलिसी से मचा बवाल

AI के दौर में ऑफिस जरूरी: Google की सख्त पॉलिसी से मचा बवाल वर्क फ्रॉम होम से वापस ऑफिस की ओर कोरोना महामारी ने दुनिया भर के कामकाजी जीवन को पूरी तरह बदल दिया। टेक इंडस्ट्री में तो जैसे वर्क फ्रॉम होम एक नई क्रांति बन गया था। लाखों कर्मचारियों ने घर बैठे ही बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए काम किया और अच्छे परिणाम भी दिए। लेकिन अब जब दुनिया सामान्य हो रही है, तो कंपनियां वापस पारंपरिक कार्यसंस्कृति की ओर लौट रही हैं।

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Google ने भी इसी दिशा में एक सख्त कदम उठाया है। उसने अपने रिमोट वर्कर्स को साफ कह दिया है – “या तो ऑफिस आओ, या फिर नौकरी छोड़ दो!” Google की नई नीति क्या कहती है?

Google ने अपने कुछ अहम विभागों – जैसे कि टेक्निकल सपोर्ट और HR – में काम कर रहे उन कर्मचारियों को चेतावनी दी है जो लगातार रिमोट मोड में काम कर रहे हैं।

नई नीति के मुताबिक: कुछ कंपनियां हाइब्रिड वर्क मॉडल अपना रही हैं, जिसमें कर्मचारियों को कुछ दिनों के लिए ऑफिस आना और कुछ दिनों तक घर से काम करने की सुविधा दी जाती है। जो इस नीति का पालन नहीं करेंगे, उन्हें “स्वैच्छिक इस्तीफा” देने के लिए कहा जा रहा है। कुछ मामलों में कंपनी ने रिलोकेशन पैकेज भी ऑफर किया है ताकि कर्मचारी ऑफिस के पास स्थानांतरित हो सकें। AI युग में आमने-सामने बैठकर काम करने की ज़रूरत Google का मानना है कि अब जब कंपनी का फोकस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर है, ऐसे में आमने-सामने बैठकर काम करना ज्यादा जरूरी हो गया है। Google की प्रवक्ता Courtenay Mencini के अनुसार – "हमने पहले भी कहा है कि आमने-सामने बैठकर काम करना इनोवेशन और कठिन समस्याओं को हल करने में मदद करता है।" सह-संस्थापक Sergey Brin ने तो AI टीम्स को हफ्ते में 5 दिन ऑफिस आने की सलाह भी दी है। कर्मचारियों की प्रतिक्रिया – नाराज़गी और असमंजस Google के इस कड़े निर्णय पर कर्मचारियों की प्रतिक्रियाएं बंटी हुई हैं: कुछ लोगों का कहना है कि वर्क फ्रॉम होम से वे ज्यादा प्रोडक्टिव थे, समय की बचत होती थी और काम का संतुलन बेहतर था। वहीं कुछ कर्मचारी इस बदलाव को कंपनी के विकास के लिए सही मानते हैं। Alphabet Workers Union ने इस नीति की आलोचना करते हुए कहा कि यह कर्मचारियों की कार्यशैली और व्यक्तिगत विकल्पों की अवहेलना कर रही है। कई Google ऑफिसों में पर्याप्त डेस्क और मीटिंग स्पेस नहीं है, जिससे लॉजिस्टिक समस्याएं पैदा हो रही हैं। दूसरी टेक कंपनियों का रुख Google अकेला नहीं है जो रिमोट वर्क को खत्म कर रहा है: Amazon, Meta और Uber जैसी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को सप्ताह में कुछ दिन ऑफिस आने को कह चुकी हैं। कुछ कंपनियां हाइब्रिड वर्क मॉडल अपना रही हैं, जिसमें कर्मचारी कुछ दिनों ऑफिस में और कुछ दिनों घर से काम करते हैं। क्या वर्क फ्रॉम होम का युग खत्म हो रहा है? Google का यह अल्टीमेटम साफ दर्शाता है कि अब कंपनियाँ वर्क फ्रॉम होम के लंबे दौर से निकलना चाहती हैं और ऑफिस-आधारित कार्य संस्कृति की ओर वापसी कर रही हैं। यह बदलाव पूरी तरह गलत नहीं है, क्योंकि इनोवेशन और टीमवर्क में व्यक्तिगत रूप से मिलकर काम करने का असर ज्यादा होता है। हालांकि, कंपनियों को यह भी समझना होगा कि हर कर्मचारी की परिस्थिति अलग होती है। एक संतुलन – जैसे हाइब्रिड वर्क मॉडल – शायद सबसे बेहतर समाधान हो। आपका क्या मानना है? क्या वर्क फ्रॉम होम जारी रहना चाहिए या ऑफिस लौटना ही बेहतर है? हमें कमेंट में ज़रूर बताएं!

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